पणजी, 10 फरवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) आज 10 फरवरी से पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, गोआ, उत्तराखंड और मणिपुर) में मतदान का सिलसिला शुरू हो रहा है। तय कार्यक्रम के अनुसार आज 10 फरवरी को सिर्फ यूपी के कुछ विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं। इसके अलावे आगामी 14 फरवरी को यूपी के साथ साथ गोआ के सम्पूर्ण सीटों के लिए मतदान होंगे। आगामी 20 फरवरी को पंजाब की सभी विधानसभा सीटों के लिए एक ही दिन में मतदान हो जाएंगे।
बता दें कि भारतीय चुनाव आयोग के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पंजाब और गोआ विधानसभा के चुनाव एक ही दिन (14 फरवरी) को होने वाले थे, मगर पंजाब के कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मतदान को स्थगित करने की मांग की गई, क्योंकि 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर राज्य के एससी (अनुसूचित जाति) समुदाय के कई लोगों के वाराणसी जाने की संभावना है। ऐसे में एक बहुत बड़ा तबका मतदान करने से वंचित रह जाएगा। चुनाव आयोग ने भी पार्टियों की डिमांड को मानते हुए पंजाब विधानसभा मतदान की तारीख को आगे बढ़ाते हुए 20 फरवरी कर दिया।
हालांकि, चुनाव आयोग ने यह निर्णय पंजाब की लगभग सभी पार्टियों के मांग के आधार पर निष्पक्ष रूप से किया, मगर फायदा सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी (AAP) को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी के बाकी नेताओं की गतिविधियों को देखते हुए यह साफ प्रतीत हो रहा है कि आम आदमी पार्टी भले ही पांच में से चार राज्यों (मणिपुर को छोड़कर) में चुनाव लड़ रही हो, मगर उसका मुख्य फ़ोकस पंजाब और गोआ पर ही है। हालांकि वह उत्तराखंड और यूपी में भी चुनाव लड़ रही है, मगर वहां बहुत कम फ़ोकस दिख रहा है।
ऐसे में जबकि कांग्रेस, भाजपा जैसे राष्ट्रीय पार्टिओं को पांचों राज्यों में मेहनत करनी पड़ रही है। इसी समय आम आदमी पार्टी के नेता दो राज्यों में पूरी ताकत झोंक कर एक अच्छी बढ़त बना चुके हैं। यह तो चुनाव के बाद ही ज्ञात होगा कि उनकी मेहनत कितनी रंग लाती है, मगर पंजाब में मतदान की तारीखों का 20 फरवरी होने के कारण और आगामी 14 फरवरी को गोआ में मतदान होने के कारण आप के नेता फिलहाल पूरा फ़ोकस गोआ पर लगाए हुए हैं।
इसी के तहत अरविंद केजरीवाल आज 10 फरवरी, और कल 11 फरवरी को गोआ में डेरा जमा चुके हैं। गोआ के मतदान समाप्त होने के बाद आप के नेता पंजाब विधानसभा में पूरी ताकत झोंक देंगे। पंजाब में हुए एग्जिट पोल में तो आप को सत्ता प्राप्त होती हुई भी दिख रही है। जो भी हो ऐसा लग रहा है कि आप कम से कम एक और राज्य के सत्ता पर तो जरूर काबिज़ होगी, जोकि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त होगी।