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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में चार दिन के महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर हैं। आज वे मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन भी गए थे, जहां उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला माना जा रहा है। इसी बीच, दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की ताजा रेटिंग रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी शीर्ष स्थान पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बने सबसे लोकप्रिय नेता
जुलाई 2025 में बिजनेस इंटेलिजेंस कंपनी कंसल्ट की ओर से एक सर्वे रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 20 देशों के नेताओं की लोकप्रियता का आकलन किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 75 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है, जो उन्हें विश्व के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में प्रथम स्थान पर ले आया है। इस सर्वे को 4 से 10 जुलाई के बीच किया गया था। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पर गर्व जताया है। इस सूची में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्यूंग दूसरे नंबर पर हैं, जिनकी लोकप्रियता 59 प्रतिशत मानी गई है।
तीसरे नंबर पर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली हैं, जबकि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी चौथे स्थान पर हैं, जिनकी रेटिंग 56 प्रतिशत है। पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हैं। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आठवें स्थान पर हैं, जिनकी लोकप्रियता मात्र 44 प्रतिशत है और लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने उन्हें नापसंद किया है। यह आंकड़ा ट्रंप के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है।
लोकप्रियता और असंतोष के बीच का अंतर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ प्रमुख नेताओं के खिलाफ जनता में असंतोष काफी अधिक है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पेट्र फिआला लोकतांत्रिक नेताओं में सबसे कम लोकप्रिय हैं। दोनों को केवल 18 प्रतिशत समर्थन मिला है, जबकि लगभग 74 प्रतिशत लोग उनसे असंतुष्ट हैं। इसके अलावा इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से 54 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से 58 प्रतिशत, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन से 50 प्रतिशत, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से 65 प्रतिशत और जापान के नेता शिगेरु इशिबा से 66 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं।
विशेष रूप से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के प्रति असंतोष का स्तर काफी अधिक है, जो भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि में भी ध्यान देने योग्य है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक नेतृत्व की लोकप्रियता और सरकारों की नीति दोनों अलग-अलग प्रभाव डालती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की सफलता
प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उनकी सक्रिय विदेश नीति है। ब्रिटेन में फ्री ट्रेड डील पर हस्ताक्षर उनकी कूटनीति की सफलता का परिचायक है। इस समझौते से भारत को न केवल ब्रिटेन के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह भारत की वैश्विक आर्थिक छवि को भी सुदृढ़ करेगा। वहीं, मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनकी उपस्थिति दक्षिण एशिया में भारत की नेतृत्व भूमिका को दर्शाती है।
यह दौरा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप है, जिसमें भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दे रहा है। मालदीव के साथ सहयोग से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति मजबूत होगी।
वैश्विक नेतृत्व में भारत की बढ़ती भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता न केवल भारत के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की भूमिका और छवि में वृद्धि को दर्शाती है। यह रिपोर्ट एक संकेत है कि वैश्विक समुदाय में भारत के प्रति विश्वास और समर्थन बढ़ रहा है। मोदी की नीतियों और उनके संचार कौशल ने उन्हें विश्व की राजनीति में एक प्रभावशाली और सम्मानित नेता बना दिया है।
वहीं, अन्य देशों के नेताओं की कम लोकप्रियता और असंतोष उनके सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाता है, जैसे आर्थिक संकट, राजनीतिक विवाद, और सामाजिक अस्थिरता। इसके विपरीत, मोदी की लोकप्रियता उनके प्रभावशाली शासन, विकास योजनाओं और सफल कूटनीति का परिणाम है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार दिन के विदेश दौरे और उनके नेतृत्व में हुए महत्वपूर्ण समझौतों ने उनकी वैश्विक लोकप्रियता को और मजबूत किया है। बिजनेस इंटेलिजेंस कंपनी की ताजा रिपोर्ट में यह साफ देखा जा सकता है कि मोदी न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित नेताओं में से एक हैं। यह लोकप्रियता भारत के वैश्विक प्रभाव और कूटनीतिक सफलता का संकेत है, जो देश के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आती है।
भारत और मालदीव के संबंधों को मजबूत करना, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना और वैश्विक मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की मजबूती को दर्शाता है। इसी के साथ, उनकी लोकप्रियता विश्व के नेताओं की रैंकिंग में शीर्ष पर बनी हुई है, जो भारत के वैश्विक नेतृत्व की छवि को और निखारती है।