PM मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने के लिए उठाया बड़ा कदम, दो यूरोपीय नेताओं से की बात

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Posted On:Friday, September 5, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चीन में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष भी अहम मुद्दा रहा। इसके बाद, बुधवार और गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दो प्रमुख यूरोपीय नेताओं — यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों पक्षों ने यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।


यूक्रेन युद्ध पर भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत हमेशा युद्ध और हिंसा के खिलाफ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों का निरंतर समर्थन करता रहेगा। मोदी ने दोहराया कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और सभी पक्षों को संवाद और कूटनीति के ज़रिए रास्ता निकालना चाहिए। यूरोपीय नेताओं ने भी भारत की इस भूमिका की सराहना की और यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए भारत के समर्थन को महत्वपूर्ण बताया।


भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA)

इस बातचीत में भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को शीघ्र संपन्न करने पर भी ज़ोर दिया गया। दोनों पक्षों ने इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह समझौता व्यापार, निवेश, तकनीक और नवाचार के क्षेत्रों में बड़े अवसर पैदा कर सकता है।

FTA से दोनों पक्षों को लाभ होगा — भारत को यूरोपीय बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, वहीं यूरोपीय कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना आसान होगा। मोदी सरकार इस समझौते को भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के हिस्से के रूप में देख रही है।


रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति शृंखला पर भी चर्चा

बातचीत के दौरान रक्षा, सुरक्षा, नवाचार और आपूर्ति शृंखला लचीलापन जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं की कमज़ोरियों को उजागर किया है। ऐसे में भारत और यूरोपीय संघ इन शृंखलाओं को अधिक लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए साथ काम करना चाहते हैं।


यूरोपीय नेताओं को भारत आने का आमंत्रण

पीएम मोदी ने अगले वर्ष भारत में प्रस्तावित यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दोनों नेताओं को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।


यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर खुशी हुई। हम यूक्रेन को लेकर भारत के निरंतर समर्थन का स्वागत करते हैं। रूस को आक्रामकता रोकनी होगी और शांति की राह अपनानी होगी। इस दिशा में भारत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”


निष्कर्ष

भारत अब केवल एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति नहीं, बल्कि एक वैश्विक कूटनीतिक शक्ति के रूप में भी उभर रहा है। यूक्रेन युद्ध जैसे अंतरराष्ट्रीय संकटों में भारत की भूमिका अब केवल पर्यवेक्षक की नहीं, बल्कि एक सक्रिय शांति-स्थापक राष्ट्र की हो गई है। पीएम मोदी की यह बातचीत इस बात की पुष्टि करती है कि भारत विश्व मंच पर मध्यस्थ और संतुलित शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में भारत की यह भूमिका किस दिशा में जाती है और क्या FTA जैसी साझेदारियाँ व्यापार और शांति दोनों के लिए नई राह खोल पाएंगी।


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