मुंबई, 17 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केरल के कोझिकोड सेशन कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में राइटर और सोशल एक्टिविस्ट सिविक चंद्रन को जमानत दे दी है। सेशन जज कृष्णा कुमार ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने खुद यौन उत्तेजक कपड़े पहन रखे थे, इसलिए IPC की धारा 354A के तहत इसे अपराध नहीं माना जा सकता है।
दरअसल, जमानत याचिका सेशन कोर्ट में आने पर आरोपी के वकील पी. हरि और सुषमा एम ने दलील दी कि यह एक झूठा मामला है। आरोपी के खिलाफ उसके कुछ दुश्मनों ने बदला लेने के लिए झूठा केस किया है। वकील ने यह भी कहा कि घटना के 6 महीने बाद मामला दर्ज किया गया था। लेकिन इस देरी का कारण नहीं बताया गया। दरअसल शिकायतकर्ता एक युवा राइटर है और फरवरी 2020 में नंदी समुद्र तट पर एक इवेंट में आरोपी ने उसका शील भंग करने की कोशिश की। कोयिलंडी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354A(2), 341 और 354 के तहत मामला दर्ज किया। तो वही 74 साल के सिविक चंद्रन ने जमानत अर्जी के साथ महिला की तस्वीरें भी पेश की थीं। जिन्हें देखने के बाद सेशन कोर्ट ने कहा कि जमानत याचिका के साथ दी गई तस्वीरों से पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने खुद ऐसे कपड़े पहन रखे थे, जो यौन उत्तेजक हैं। इसलिए धारा 354ए के तहत कोर्ट का आदेश आरोपी के खिलाफ नहीं होगा।
आपको बता दे सिविक चंद्रन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज हैं। पहला केस अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाली एक महिला ने अप्रैल में दर्ज करवाया था। इसमें 2 अगस्त को अग्रिम जमानत मिली थी। अब दूसरे मामले में भी अग्रिम जमानत मिल गई है। हालांकि, चंद्रन पहला केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं। छह महीने पहले दर्ज किए गए केस का फैसला कुछ दिन पहले आया था।