अभिनेत्री यामिनी मल्होत्रा, जो अपने सादगीभरे दृष्टिकोण और ज़मीन से जुड़ी सोच के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में फैशन, वल्गैरिटी और कपड़ोंकी आज़ादी को लेकर समाज में चल रही बहस पर अपनी राय खुलकर रखी। उन्होंने महिलाओं के पहनावे की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए यह भीकहा कि जगह और मौके के अनुसार कपड़े पहनना बेहद जरूरी है।
यामिनी ने कहा: “अगर कोई हॉट और सेक्सी कपड़े पहनना चाहती है, तो उसे पहनने दीजिए। क्यों हम ये पॉजिटिवली नहीं ले सकते कि कोई अच्छादिख रहा है?”
उन्होंने इस बात की आलोचना की कि कैसे समाज आत्मविश्वास और स्टाइल को अक्सर 'वल्गैरिटी' यानी अश्लीलता से जोड़ देता है। “मैंओवर-वुल्गैरिटी को सपोर्ट नहीं करती,” उन्होंने स्पष्ट किया। “अगर कोई सेमी-न्यूड आउटफिट पहनता है, तो मैं उसके खिलाफ हूं। लेकिन अगर कोईमौके के अनुसार अच्छे और सेक्सी कपड़े पहन रहा है, तो क्यों न उसकी तारीफ की जाए?”
संदर्भ और स्थिति को महत्वपूर्ण बताते हुए, उन्होंने उदाहरण दिया: “स्विमिंग पूल में स्विमसूट पहनना एकदम सही है। लेकिन वही स्विमसूट किसीमंदिर के बाहर पहनना? वो भयानक है।”
यामिनी ने यह भी कहा कि यह किसी पर ड्रेस कोड थोपने की बात नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समझ और सांस्कृतिक सम्मान की बात है। उन्होंनेयुवतियों को संबोधित करते हुए कहा: “लड़कियों को यह तय करना चाहिए कि वे कहां जा रही हैं, और उसी के हिसाब से तैयार होना चाहिए। कहीं भीकुछ भी पहनकर चले जाना सही नहीं। जब रोम में हो, तो रोम वालों की तरह बर्ताव करो।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका संदेश केवल महिलाओं के लिए नहीं है। “लड़कों को भी अपनी सोच का दायरा बढ़ाना चाहिए। सिर्फ कपड़ों सेकिसी को जज करना बंद करें।”
आज जब कपड़ों को लेकर विचारधाराएं और समाज दो धड़ों में बंटा हुआ नजर आता है, यामिनी मल्होत्रा की यह सोच एक बैलेंस्ड और व्यावहारिकनजरिया पेश करती है — जहां स्वतंत्रता है, तो साथ ही समझदारी और संवेदनशीलता भी जरूरी है।
उनका अंतिम संदेश सीधा और सटीक था: “क्लासी बनो, लापरवाह नहीं। फैशन आत्मविश्वास है — लेकिन उसमें समझदारी और सम्मान भी होनाचाहिए।”
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