नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (न्यू हेल्पलाइन) भारतीय वायु सेना के नव-नियुक्त प्रमुख वीआर चौधरी ने IAF की 89वीं वर्षगांठ पर आज 5 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना में हो रहे परिवर्तनों और चुनौतियों पर खुलकर बात की। अपने संबोधन में भारतीय वायु सेना के भविष्य के लिए तैयार रहने पर बोलते हुए वायुसेना चीफ वीआर चौधरी ने कहा कि IAF में पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर नए विमानों को लाया जाएगा।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने IAF की 89वीं वर्षगांठ पर कहा कि IAF के पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और नए विमानों को शामिल करने के मद्देनजर हम अगले दशक तक लगभग 35 लड़ाकू स्क्वाड्रन होंगे। हमारी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की आवश्यकता डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे एएमसीए (स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के विमान) से पूरी होगी और सीमा पार क्षमता से मेल खाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि हम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर प्राप्त करने के कगार पर हैं। राफेल, अपाचे के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता में काफी इजाफा हुआ है। हमारे बेड़े में नए हथियारों के एकीकरण के साथ हमारी आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है। हमारे पास मिग-21 के चार स्क्वाड्रन हैं और अगले तीन से चार वर्षों में ड्रॉडाउन हो जाएगा।
मिग -21 के निरंतर दुर्घटनाग्रस्त होने के सवाल पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तथ्य यह है कि मिग -21 बेड़े पर बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि संख्या में कमी आई है। इस बेड़े में दुर्घटनाओं के मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उड़ान भरने वाला प्रत्येक विमान सभी जांचों से सख्ती से गुजरता है।
IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी चीन-पाकिस्तान साझेदारी और दो-मोर्चे युद्ध की संभावना पर कहा कि इस साझेदारी से डरने की कोई बात नहीं है। लेकिन एकमात्र चिंता पश्चिमी तकनीक का पाकिस्तान से चीन तक जाना है। लद्दाख के पास चीनी वायु सेना की क्षमताओं के बारे में पूछे जाने पर IAF चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि कई ऊंचाई वाले मिशनों को लॉन्च करने की चीन की क्षमता कमजोर रहेगी।