May 25, 2021
कल अनुपम खेर ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर की थी जिसमे उन्होंने अपनी पहली फिल्म सारांश के ओपनिंग टाइटल शेयर किये थे और बताया था की कैसे आज भी उस ओपनिंग टाइटल में अपना नाम देखकर वह भावुक हो जाते है। आज फिल्म सारांश को रिलीज़ हुए 37 साल पूरे हो गए है और इसके साथ साथ अनुपम खेर को इंडस्ट्री में 37 साल।
25 मई 1984 को इंडियन सिनेमा को उसका सबसे वर्सटाइल एक्टर मिला था। आज जब अनुपम खेर सिनेमा में अपना 37 वा जन्मदिन बना रहे है, उन्होंने अपने फैंस के साथ एक ख़ास वीडियो शेयर की और एक प्यार भरा नोट भी लिखा, "जब मैंने यह वीडियो बनानी शुरू की थी मुझे नहीं पता था की क्या बनेगा। मैंने बस बोलना शुरू किया। और देखिये फिर क्या हुआ ?मेरी पहली फिल्म सारांश आज अपने रिलीज़ की 37 साल पूरे कर रही है। किसी एक्टर के लिए यह एक बेस्ट डेब्यू था। मैं 28 साल का था और फिल्म में 65 साल के एक टीचर बी वी प्रधान का रोल निभा रहा था। फिल्म के कुछ सीन आज भी मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा है। मुझे नहीं पता था इस फिल्म के बाद मेरी किस्मत में क्या लिखा है। मैं बस अपना सब कुछ इस फिल्म को देना चाहता था। अगर आज मैं इंडस्ट्री में अब तक हूँ वह सिर्फ इसलिए क्यूंकि सारांश मेरी पहली फिल्म थी। भट्ट साब को धन्यवाद जिन्हे मुझपर विश्वास था । राजश्री फ़िल्म्स को धन्यवाद। सबसे ज्यादा धन्यवाद मेरी ऑडियंस का जिन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया। प्रार्थना और दुआएं हमेशा। “
इस वीडियो के माध्यम से अनुपम खेर ने अपने सभी चाहने वालो को धन्यवाद दिया है जिन्होंने पिछले 37 साल में उन्हें एक एक्टर के रूप में अपनाया है। इसके साथ उन्होंने इस वीडियो में फिल्म से वह सीन भी सबको फिर से करके दिखाया जिसमे वह अपने बेटे की अस्थियां लेने कस्टम ऑफिस जाते है। अनुपम खेर के हिसाब से यही वह सीन है जिसने उन्हें आज तक इस इंडस्ट्री में रखा है। इसी सीन की वजह से ऑडियंस ने उन्हें अपनाया था।
इन 37 सालो में उन्होंने कई उन्दा पर्फॉर्मन्सेस दी है और काफी अवार्ड जीते है। उन्हें 2 बार नेशनल अवार्ड और 8 बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इसके साथ साथ उन्हें भारत सरकार ने पदम श्री और पदम भूषण से नवाजा है।
वर्कफ़्रंट पर, वह जल्द ही फिल्म 'हैप्पी बर्थडे' में नजर आएंगे जिसके लिए उन्हें हाल ही में NYCIFF में बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला। इसके साथ वह विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में नजर आएंगे। यह फिल्म कश्मीरी पंडितो की कहानी बताएगी की कैसे 1990 में उन्हें कश्मीर से निकाला गया था। वह 'द लास्ट शो' और 'मुंगीलाल रॉक्स' में भी नजर आएंगे।
हम उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए ढेरो बधाई देते है और प्रार्थना करते है वह ऐसे ही ऑडियंस को एंटरटेन करते रहे।