नई दिल्ली, 24 जून - भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की याचिका को ब्रिटिश हाईकोर्ट ने किया नामंजूर
ब्रिटेन के हाईकोर्ट (UK High Court ) ने भारत में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के बाद फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका नामंजूर कर दी है । नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी औऱ मनी लांड्रिंग केस में आरोपी है। 50 वर्षीय नीरव मोदी को ब्रिटेन में मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह वांड्सवर्थ जेल में बंद है। ब्रिटेन की भारतीय मूल की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने 15 अप्रैल 2021 को उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था।
इससे पहले 25 फरवरी को ब्रिटेन के वेस्टमिनिस्टर कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज नें नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में फैसला दिया था। नीरव मोदी ने इसे चुनौती देने के लिए ब्रिटेन के हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी। नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चलने और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने की चिंता जाहिर की थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं।
फिलहाल नीरव मोदी लंदन की जेल में है । 11 मई, 2020 को पीएनबी मामले में पांच दिनों के लिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन में शुरू हुई। 7 सितंबर 2020 को ब्रिटेन की अदालत को मुंबई की आर्थर रोड जेल से संबंधित वीडियो मुहैया कराया गया। 8 जनवरी 2021 को ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की। 25 फरवरी 2021 को ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।