इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख जैसे-जैसे करीब आती है, वैसे-वैसे टैक्सपेयर्स की परेशानी भी बढ़ती जा रही है। साल 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने में लोगों को गंभीर तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनकम टैक्स विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल लगातार ग्लिच और स्लो रिस्पॉन्स की समस्या से जूझ रहा है, जिससे लाखों टैक्सपेयर्स लॉगिन, डॉक्यूमेंट अपलोड और रिटर्न सबमिट करने में असफल हो रहे हैं।
तकनीकी खामियां बनीं बड़ी रुकावट
पोर्टल में लगातार यह समस्याएं देखी जा रही हैं:
इन दिक्कतों के चलते जिन टैक्सपेयर्स ने समय रहते दस्तावेज इकट्ठा कर लिए थे, वे भी रिटर्न समय पर दाखिल नहीं कर पाए। इसी वजह से सरकार ने आखिरी समय पर ITR की डेडलाइन एक दिन के लिए बढ़ाकर 15 सितंबर से 16 सितंबर कर दी थी।
क्या आगे भी बढ़ सकती है तारीख?
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ITR दाखिल करने की तारीख फिर से बढ़ाई जा सकती है? क्योंकि मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक दिन का अतिरिक्त समय अपर्याप्त साबित हो रहा है। टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि पोर्टल की समस्याएं दूर नहीं हुईं, और तकनीकी अड़चनें बनी रहीं, तो ITR की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाना टैक्सपेयर्स के हित में होगा।
लाखों लोग अभी भी बाकी
क्लियरटैक्स के CEO अर्चित गुप्ता के अनुसार, लगभग 1.5 से 2 करोड़ टैक्सपेयर्स अभी भी ITR दाखिल नहीं कर पाए हैं। अगर सरकार समयसीमा और कुछ दिन बढ़ा देती है तो टैक्सपेयर्स लेटलतीफी के जुर्माने (Late Filing Fee) से बच सकते हैं, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकती है। यानी एक आम टैक्सपेयर के लिए यह सीधा आर्थिक लाभ होगा।
आधी रात को बढ़ी तारीख, आधा दिन गया तैयारी में
विशेषज्ञों ने इस बात की भी आलोचना की कि समयसीमा आधी रात को बढ़ाई गई, जब अधिकतर लोग सो रहे थे। जब टैक्सपेयर्स को इसकी जानकारी सुबह हुई, तब भी पोर्टल की धीमी गति और अन्य गड़बड़ियों के कारण कई घंटे रिटर्न भरने की तैयारी में ही निकल गए। इसके चलते एक दिन की बढ़ी हुई मियाद पर्याप्त साबित नहीं हुई।
अगर तारीख नहीं बढ़ी तो क्या होगा?
अगर सरकार अब और तारीख नहीं बढ़ाती, तो कई टैक्सपेयर्स को:
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लेट फाइलिंग फीस देनी होगी
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रिफंड में देरी का सामना करना पड़ सकता है
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भविष्य में टैक्स नोटिस का खतरा बढ़ सकता है
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लोन, वीजा या फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में समस्याएं आ सकती हैं
निष्कर्ष
इनकम टैक्स पोर्टल की तकनीकी खामियों ने इस बार लाखों टैक्सपेयर्स के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। एक दिन की मोहलत से ना तो सभी को राहत मिली है, ना ही पोर्टल की गड़बड़ियां पूरी तरह से सुधरी हैं। ऐसे में सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह ITR दाखिल करने की डेडलाइन को कम से कम कुछ और दिनों के लिए बढ़ाए, ताकि ईमानदार टैक्सपेयर्स बिना जुर्माने के अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर सकें।