नई दिल्ली, 5 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) आज दिल्ली में भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (ITTA) के प्रतिनिधियों से बात करते केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आगामी 3 वर्षों में तकनीकी वस्त्रों के निर्यात में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा। मंत्री ने भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (ITTA) के प्रतिनिधियों से कहा कि केंद्र राज्यों में कपड़ा क्षेत्र के लिए PLI (Production Linked Incentive Scheme) का समर्थन करेगा और कपड़ा निर्माण के लिए सस्ती जमीन और बिजली जैसे सस्ते बुनियादी ढांचे में सहयोग करेगा।
कपड़ा मंत्री ने भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (ITTA) के प्रतिनिधियों से कहा कि हमें वस्त्र निर्माण में सर्वोत्तम मानकों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वस्त्र की गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। मंत्री ने तकनीकी वस्त्रों में अनुसंधान और विकास में सरकारी धन के उपयोग में सार्वजनिक निजी भागीदारी का सुझाव दिया।
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि यह ध्यान दिया जा सकता है कि भारत में तकनीकी वस्त्रों के विकास ने पिछले 5 वर्षों में गति प्राप्त की है, जो वर्तमान में 8% प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों के दौरान इस वृद्धि को 15-20% के दायरे में लाने का है। वर्तमान विश्व बाजार 250 बिलियन अमरीकी डालर (18 लाख करोड़) है और इसमें भारत की हिस्सेदारी 19 बिलियन अमरीकी डालर है।
भारत इस बाजार में 40 बिलियन अमरीकी डालर (8% हिस्सेदारी) के साथ एक महत्वाकांक्षी खिलाड़ी है। ज्ञात हो कि इसी उद्देश्य के लिए फरवरी 2020 में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन शुरू किया गया है। विदित हो कि जनवरी 2019, भारत में पहली बार, तकनीकी वस्त्र के लिए 207 एचएसएन कोड जारी किए गए और 2 साल से कम समय में भारत तकनीकी वस्त्रों का शुद्ध निर्यातक बन गया है।
टेक्निकल टेक्सटाइल्स वे टेक्सटाइल हैं, जिन्हें विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त वांछित आउटपुट देने के लिए इंजीनियर किया जाता है। मूल कच्चा माल जूट, रेशम और कपास जैसे प्राकृतिक रेशे हैं। लेकिन, अधिकांश अनुप्रयोग मानव निर्मित फाइबर का उपयोग करते हैं: पॉलिमर (अरामिड, नायलॉन), कार्बन, कांच और धातु। तकनीकी वस्त्र भविष्य की तकनीक हैं।