नई दिल्ली, 6 अगस्त विवादित रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन को समाप्त करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने Taxation Amendment Bill 2021 को प्रस्तुत किया है। मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलने का बाद आज यह संसद के निचले सदन लोकसभा से पारित हो गया। इसके उपरांत इसे संसद के उच्च सदन राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
ज्ञात हो कि इस रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का फायदा उठा कर कई कंपनियां भारत सरकार को टैक्स देने से बच जा रही है या बचने के प्रयास में है। इसी समस्या को दूर करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने लोकसभा में Taxation Amendment Bill 2021 को कल प्रस्तुत किया, जो आज बिना किसी चर्चा के पास हो गया। चूंकि सदन के दोनों सदनों में विपक्ष के विरोध के कारण कार्रवाई अच्छे से नहीं चल पा रही है इसलिए इस बिल को बिना चर्चा के ही पास कर दिया गया।
ज्ञात हो कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के कानूनों की खामियों को उठाते हुए कई विदेशी कंपनियां टैक्स में चपत लगाने की जुगत में हैं। इसलिए सरकार को यह Taxation Amendment Bill 2021 पेश करना पड़ा। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल 5 अगस्त को लोकसभा में यह बिल प्रस्तुत किया था।
इस बिल के पास हो जाने के बाद केयर्न एनर्जी, वोडाफोन ग्रुप और 15 अन्य कंपनियों के साथ बड़े विवादों को निपटाने में मदद मिल सकती है। ज्ञात हो कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स पिछली तारीख से किसी कंपनी पर टैक्स लगाने को कहा जाता है।
इस विवादित रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन नियम का फायदा उठा कर वोडाफ़ोन सुप्रीम कोर्ट में 15000 करोड़ रुपये का केस जीत चुकी है। साथ ही केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार से हुए एक ऐसे ही विवाद में भी इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में केस किया था, जिसमें इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ने भारत सरकार को केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर वापस करने का निर्देश दिया है।
इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में केस जीतने के बाद केयर्न एनर्जी भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर की डिमांड कर रही है। इसके अलावे कई और कंपनियां भी सरकार को चुना लगाने के फिराक में है।
इन सभी विवादों को देखते हुए केंद्र सरकार ने टैक्स नियमों में संसोधन करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत मोदी कैबिनेट ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन को हटाने के उद्देश्य से Taxation Amendment Bill 2021 को मंजूरी दी है। इस बिल को लेकर सभी संबंधित कंपनियां भारत सरकार पर नजर टिकाए हुए है।