नई दिल्ली, 6 अगस्त भारत के सबसे बड़े बैंक रिजर्व बैंक ने आज अपने मौद्रिक नीतियों की घोषणा की, जिसमें आरबीआई ने ज्यादातर दरों को अपरिवर्तित रखा और पूर्व से ही चली आ रही दरों को आगामी घोषणा तक आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ज्ञात हो की आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और आरबीआई के छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की। दास की इस कमेटी के प्रमख हैं। आरबीआई समय-समय पर अपने मौद्रिक नीतियों और दरों में बदलाव करते रहती है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने आज अपने घोषणा में कोरोना महमारी, देश के विकास दर, महंगाई और ताज़ा मौद्रिक नीतियों के बारे में बात की। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक रुख को 'उदार' बनाए रखने पर सभी सदस्य सहमत नहीं थे, मगर छह में से पांच सदस्यों की सहमति पर इसे आगे भी जारी रखा गया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जून के मुकाबले जुलाई में आर्थिक सुधार बेहतर रहा है।
मौद्रिक दरों की घोषणा के तहत आरबीआई ने रेपो रेट (4 प्रतिशत), रिवर्स रेपो रेट (3.35 प्रतिशत), बैंक दर ( 4.25 प्रतिशत ) , मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट (4.25 प्रतिशत) में कोई परिवर्तन नहीं किया है। पूर्व घोषित दरों को अगले आदेश तक जारी रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसदी के उच्च स्तर पर बरकरार रहेगी। इसके तहत इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 प्रतिशत विकास होगा, दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत विकास होगा। वहीं अगले वित्त वर्ष 2022-23 में देश का वास्तविक विकास दर 17.2 प्रतिशत रह सकता है।
आगामी एक वर्षों तक देश में महंगाई की दर (CPI) 6 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है, जिसके तहत इस वित्त वर्ष 2021-22 में यह 5.7 प्रतिशत रहेगा। जिसके तहत दूसरी तिमाही में यह 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगर अगले वर्ष के मुद्रास्फीति अनुमानों की बात करें तो यह पहली तिमाही में 5.1% रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर ने इन मौद्रिक नीतियों के अलावे कोरोना की स्थिति पर बात की और कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था अब उबर रही है। टीकाकरण बढ़ने से इकोनॉमिक एक्टिविटी बढ़ी है, मगर फिर भी कोरोना की तीसरी लहर के प्रति चौकन्ना रहने की जरूरत है।