नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) विगत 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए के उत्पाद शुल्क को कम किया था। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कई सारे राज्यो नें भी पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती की है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किये गए इन कर कटौती से देश में पेट्रोल-डीजल के मूल्य वृद्धि पर एकाएक विराम लग गया। इससे लोगों ने तो राहत की सांस ली ही, साथ ही अर्थव्यवस्था को भी गति मिलने की संभावना को बल मिला है। इसी बारे में और अन्य मुद्दों पर आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर ने अपनी राय रखी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कई उच्च-आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि आर्थिक सुधार अब जोर पकड़ रहा है। जबकि अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है, इसे व्यापक-आधारित और अच्छी तरह से स्थापित होने से पहले बहुत सारी जमीन को कवर करना बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत में महामारी के बाद के परिदृश्य में काफी तेज गति से बढ़ने की क्षमता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि इस बात के संकेत हैं कि त्योहारी सीजन की वजह से खपत की मांग में जोरदार वापसी हो रही है। इससे फर्मों को अनुकूल वित्तीय स्थितियों के बीच क्षमता का विस्तार करने और रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और कई राज्य सरकारों द्वारा वैट में हालिया कटौती से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो बदले में अतिरिक्त खपत के लिए जगह बनाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन के अंत देश में कोरोना की स्थित पर बात करते हुए कहा कि कोविड19 की विरुद्ध टीकाकरण के पैमाने के साथ जो दुनिया में सबसे अधिक है, भारत COVID-19 के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।