ग्वालियर। हमारा शहर ग्वालियर किसी मायने में किसी से कम नहीं है। बात यदि पर्यटन की करें तो पर्यटन के रूप में भारत का गुलदस्ता है ग्वालियर शहर। जरूरत है तो बस बेहतर ब्रांडिंग की। हम देश- विदेश में घूमते हैं, कभी अपने शहर में घूमें। यहां मोची ओली, दर्जी ओली जैसी जगहों पर जाएं, वहां इतिहास को जानें। इसके साथ वही आसपास के क्षेत्रों के इतिहास को भी जानें तो दिखेगा कि हमारे पास पर्यटन का जो खजाना है, वह कहीं नहीं है। यह बात केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही।
आगे उन्होंने श्री सिंधिया ने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की तारीफ करते हुए कहा कि आप एक बेहतर सेनापति हैं। यह एमओयू जेयू के साथ शहर को नई दिशा देने में बहुत अच्छा कदम साबित होगा। महिला सशक्तिकरण जरूरी है। इस बात का ध्यान रखा जाए कि शोध में महिलाओं की भागीदारी अधिक हो। जीवाजी यूनिवर्सिटी को रिसर्च एंड डवलपमेंट पर अधिक कार्य करना चाहिए। देश के साथ विदेश की बेहतरीन यूनिवर्सिटीज के साथ जुड़कर कार्य करें। देशभर में गोबर बैंक और पराली बैंक खोली जाएंगी। पशुपालकों और किसानों से गोबर और पराली को बैंक में एकत्र कर, कोयले सब्सीट्यूट बनाने पर कार्य करेंगे। जेयू द्वारा गोबर और पराली पर रिसर्च करके कोयले का सब्सीट्यूट बनाने पर कार्य किया जाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में जीटूजी समिट में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने ग्लोबल टू ग्वालियर विषय पर फोकस करते हुए ग्वालियर को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने पर जोर दिया। जेयू द्वारा कंफडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), ग्वालियर टू ग्लोबल( जीटूजी) के साथ मिलकर किए सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की।
कार्यक्रम के दौरान जेयू और चेन्नई की वर्कफाई कंपनी के बीच एमओयू भी हुआ। जेयू की ओर से कुलसचिव डॉ. सुशील मंडेरिया ने जबकि वर्कफाई कंपनी की ओर से सीईओ आकांक्षी वैश्य ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि जेयू द्वारा चलाए जा रहे कोर्सेस और प्रोग्रामों के बारे में बताया। उन्होंने जेयू द्वारा शुरू किए गए एमओयू, स्टार्टअप पॉलिसी के बारे में बताया। उन्होंने जेयू के विभागों को मिले सीओई के बारे में जानकारी भी दी।
जी टू जी पर डबल हो फोकस
श्री सिंधिया ने कहा कि हम ग्वालियर टू ग्लोबल के साथ ग्लोबल टू ग्वालियर पर भी फोकस करें। यदि बात ग्वालियर टू ग्लोबल की करें तो छह बिंदुओं पर फोकस करने की जरूरत है-
1. रक्षा- मेरे पूज्य पिजाजी ने इस शहर में रक्षा संस्थानों के साथ वायुसेना के लिए भी अमूल्य योगदान दिया। हम यहां डिफेंस संबंधी एक्टिविटीज कर सकते हैं।
2. शिक्षा- इस शहर में कई अच्छे शिक्षा संस्थान हैं। यह शिक्षा का बेहतरीन हब बन सकता है। जरूरत है तो बस बेहतर ब्रांडिंग की।
3. उद्योग- यह शहर देश की राजधानी के काफी नजदीक है साथ ही कई शहर भी इसकी कनेक्टिविटी में हैं, इसलिए यह उद्योग का बेहतर केंद्र बन सकता है।
4. कृषि व डेयरी फार्म- यहां दूध का काफी उत्पादन होता है। दूध के उत्पादन के साथ उसकी प्रोसेसिंग भी की होनी चाहिए।
5. सौर ऊर्जा- इस शहर में सौर और रिन्यूएअल एनर्जी का सेंटर बन सकता है।
6. पॉटरी व हस्तशिल्प- इस क्षेत्र में चंदेरी की साडियां, ग्वालियर की पॉटरीज हमेशा से विख्यात रही हैं। ऐसी स्थानीय चीजों के बेहतर ब्रांडिंग की जरूरत है।
ग्लोबल टू ग्वालियर
संगीत - ग्वालियर हमेशा से संगीत का घराना रहा है। यह तानसेन और बैजूबावरा की भूमि रही है। शास्त्रीय संगीत में रूचि रखने वाले युवाओं को मौका देकर आगे बढ़ाया जाए। इसके अलावा उन्होनें पर्यटन के क्षेत्र में भी ग्वालियर को आगे बढ़ाने की बात कही।
इस अवसर पर जेयू की ओर से कुलाधिसचिव प्रो. उमेश होलानी, डीसीडीसी डॉ. केशव सिंह गुर्जर, कुलसचिव डॉ. सुशील मंडेरिया, सहित, प्रो. योगेश उपाध्याय, प्रो. अविनाश तिवारी, प्रो. जीबीकेएस प्रसाद, प्रो. आईके पात्रो, एफसी सगीरा सिद्दीकी, जीटूजी टीम की ओर से शैलेंद्र जायसवाल, आशीष वैश्य, प्रो. डीडी अग्रवाल, वीरेंद्र गंगवाल, रमेश अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, भरत झंवर, अशोक विजयवर्गीय, केजी दीक्षित, आरपी माहेश्वरी, आनंद छापरवाल मौजूद रहे ।
Posted On:Monday, November 8, 2021