कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने की हाई-लेवल बैठक

नई दिल्ली, 9 जुलाई


कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर से निपटने के लिए पीएम मोदी ने शुक्रवार को हाई लेवल बैठक कर सुनिश्चीत किया की ऑक्सिजन की कोई कमी ना हो। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अधिकारियों को देश भर के अस्पतालों में पर्याप्त कर्मचारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, क्योंकि उन्होंने देश भर में ऑक्सीजन वृद्धि और उपलब्धता की प्रगति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने अधिकारियों से ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन और रखरखाव पर अस्पताल के कर्मचारियों का पर्याप्त प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए कहा और बताया प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध हैं।

देश को फरवरी से महामारी की एक गंभीर दूसरी लहर का सामना करना पड़ा जिसने ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पताल के बिस्तरों की कमी को ट्रिगर करके भारत के चिकित्सा ढांचे को अभिभूत कर दिया था। ऐसे में संभावित तीसरी कोविड -19 लहर की आशंका के बीच यह बैठक आयोजित की गई थी।

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि अधिकारियों ने मोदी को सूचित किया कि देश भर में लगभग 8,000 कर्मियों के प्रशिक्षित होने की उम्मीद है वहीं प्रधानमंत्री को ऑक्सीजन संयंत्रों के लिए पीएम केयर्स फंड के तहत स्वीकृत धन के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि 400,000 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों को सपोर्ट करने के लिए पूरे भारत में 1,500 प्रेशर स्विंग सोखना (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

अधिकारियों ने देश भर में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना पर प्रगति के बारे में प्रधान मंत्री को जानकारी दी। देश भर में 1500 से अधिक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट आ रहे हैं जिसमें पीएम केयर्स के साथ-साथ विभिन्न मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान भी शामिल है। बयान में पीएम मोदी के हवाले से कहा गया कि इन संयंत्रों को "जल्द से जल्द कार्यात्मक" बनाया जाना चाहिए। मोदी ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इन ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रदर्शन और कामकाज को ट्रैक करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग करने का आह्वान किया।

बता दें, IoT इंटरनेट से जुड़े उपकरणों की एक प्रणाली है जो सेंसर के साथ एम्बेडेड है जो गणना और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए वायरलेस नेटवर्क पर डेटा एकत्र और स्थानांतरित कर सकता है। बयान में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया, "ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रदर्शन की निगरानी के लिए IoT का उपयोग करके एक पायलट तैयार किया जा रहा है।"

अप्रैल में पीएम केयर्स फंड के तहत 551 पीएसए प्लांट लगाने के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। इससे पहले, ऐसे 162 संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। 
शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान पीएम मोदी के साथ प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे।

Posted On:Friday, July 9, 2021


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